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भौतिक शेयरों को डीमैट में कैसे परिवर्तित करें?

9 Mins 12 Aug 2021 0 COMMENT

परिचय:

सैम की उम्र 50 साल है। उन्होंने करीब 25 साल पहले रिलायंस के 500 शेयर खरीदे थे। वह आश्चर्यचकित थे जब उन्हें समझा कि उनको शेयर्स से अच्छा फायदा हुआ है, जो उनकी उम्मीद से कहीं अधिक है। इसलिए, सैम अब उन्हें बेचना चाहते हैं। लेकिन ऐसा करने के लिए, उन्हें शेयर्स को डिमैटेरियलाइज्ड करने की आवश्यकता है। सैम को इस लॉन्गटर्म इन्वेस्टमेंट का लाभ उठाने के लिए क्या करना चाहिए? शेयर्स को डीमैटेरियलाइज्ड फॉर्म में कैसे बदला जा सकता है? आइए पहले यह समझें कि डीमटेरियलाइजेशन क्या है।

डीमटेरियलाइजेशन क्या है

शेयर्स का डीमैटेरियलाइजेशन कंपनी के फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करना है। इन डीमैटेरियलाइज्ड शेयर्स को डिपॉजिटरी अकाउंट में रखा जाता है। मौजूदा स्टॉक ट्रेडिंग मानदंडों का जिक्र करते हुए, अपने शेयरों को दूसरे अकाउंट में बेचने या ट्रांसफर करने के लिए शेयर डीमैटरियलाइजेशन की आवश्यकता होती है।

यह भी पढ़ें: डीमैटेरियलाइजेशन और रीमटेरियलाइजेशन में क्या अंतर है

डीमटेरियलाइजेशन क्यों?

वर्ष 1997 से पहले, आप शेयर सर्टिफिकेट के रूप में शेयर रख सकते थे। यह विधि अप्रभावी थी और इसमें कई खामियां थीं। इसमें शेयर सर्टिफिकेट के सुरक्षा में कमी थी, क्योंकि वे गुम हो सकते थे या ख़राब हो सकते थे।

लोगोंको ब्रोकर से ट्रांसफर फॉर्म के साथ शेयर खरीदना पड़ता था। पूरी प्रक्रिया में लगभग 30 दिन लगते थे और गलत हस्ताक्षर और पेमेंट की जांच या खोए हुए शेयर सर्टिफिकेट के गुम हो जाने जैसी बाधाएं थी।

शेयर्स के डीमटेरियलाइजेशन ने इन मुद्दों को हल किया। आपको डीमैटरियलाइज्ड शेयर्स के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि शेयर्स का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड आईएसआईएन (किसी विशेष शेयर को यूनिक नंबर उल्लिखित करने की प्रणाली) के साथ प्रमाणित होता है। डिमटेरियलाइज्ड शेयर्स के लिए अनुकूलित इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज सिस्टम की बदौलत स्टोरेज और मेंटेनन्स की समस्याएं भी खत्म हो गई हैं।

अतिरिक्त पढ़ें: डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक डॉक्युमेंट्स

अब जब हम डीमटेरियलाइज्ड स्टॉक रखने के फायदे जानते हैं तो आइए कन्वर्शन प्रोसेस को समझते हैं-

शेयर्स को डीमैट रूप में बदलने के स्टेप्स : :

  • आपको सबसे पहले एक डिपॉजिटरी में डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) से डीमैट अकाउंट खोलना चाहिए। कई स्टॉक ब्रोकर डीपी के रूप में भी काम करते हैं
  • डीमैट अकाउंट खोलने के बाद, आपको अपने डीपी को अपने फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट्स के साथ कम्प्लीटेड डीमैटरियलाइजेशन रिक्वेस्ट फॉर्म (डीआरएफ) भेजना होगा।
  • यदि आपके पास एक से अधिक कंपनी के शेयर हैं, तो आपको प्रत्येक कंपनी के साथ-साथ शेयर सर्टिफिकेट्स के लिए एक पूर्ण डीआरएफ जमा करना होगा
  • डीपी यह जांचने के लिए फॉर्म और फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट दोनों की जाँच करेगा कि सब कुछ सही है या नहीं
  • जब डीपी आपके डिमांड को प्रोसेस कर रहा हो, तो आपको एक पावती के रूप में एक डीआरएन यानि डीमटेरियलाइज़ेशन रिक्वेस्ट नंबर प्राप्त होगा।
  • इसके बाद डीपी आपके रिक्वेस्ट को उस कंपनी के रजिस्ट्रार और शेयर ट्रांसफर एजेंट (आरटीए) को भेजता है, जिसके शेयर आपके पास फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट फॉर्म में हैं।
  • फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट को डीमैट रूप में कन्वर्ट कर दिया जाता है, और फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट नष्ट हो जाते हैं
  • आखिर में, डीमैटरियलाइज्ड शेयर आपके डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं, जिससे आप उन्हें बेच सकते हैं या अन्य अकाउंट्स में ट्रांसफर कर सकते हैं।

निष्कर्ष

डीमटेरियलाइजेशन ने इलेक्ट्रॉनिक शेयर ट्रेडिंग के युग का निर्माण किया। इसने लोगों के बीच स्टॉक ट्रेडिंग के ग्रोथ और लोकप्रियता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। डीमटेरियलाइजेशन एक लंबी प्रोसेस लग सकती है, पर इसके लिए बहुत कम यूजर इंटरेक्शन लगता है। फिजिकल स्टॉक सर्टिफिकेट को डीमैटरियलाइज्ड स्टॉक सर्टिफिकेट में बदलने की प्रोसेस में 2 से 3 सप्ताह लगने की उम्मीद है। आपको ध्यान देना चाहिए कि केवल उन्हीं शेयर्स को डीमैटरियलाइज़ किया जा सकता है जिनका स्टॉक एक्सचेंज में एक्टीवली ट्रेड होता है। आपका डीमैट अकाउंट क्रेडिट हो जाने के बाद, आप जब चाहें अपने शेयर बेच या ट्रांसफर कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. क्या मैं अभी भी फिजिकल शेयर्स को डीमैट में कन्वर्ट कर सकता हूं?

हां, आप डीमैट अकाउंट खोलकर अपने फिजिकल शेयर्स को डीमैट में बदल सकते हैं। डीमैट अकाउंट आपके फिजिकल शेयर्स को डीमैटरियलाइज करता है और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करता है। हालाँकि, सुनिश्चित करें कि अकाउंट उसी नाम से खुल रहा है जिस नाम से शेयर्स का मालिक है। जॉइंट ओनर्स के मामले में, डीमैट अकाउंट सभी ओनर्स के नाम से खोला जाना चाहिए।

2. क्या फिजिकल शेयर्स को डीमैट करना अनिवार्य है?

हां, अपने फिजिकल शेयर्स को डीमैट करना अनिवार्य है। डीमटेरियलाइजेशन इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग को सरल करता है और घोटालों के डर को हटा देता है। यह नियम सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (सेबी) द्वारा स्थापित किया गया है। सेबी सभी इन्वेस्टर्स को केवल डीमैटरियलाइज्ड रूप में शेयर्स में इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करने का आदेश देता है। इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा।

3. फिजिकल शेयर क्या है?

फिजिकल शेयर, शेयर के सर्टिफिकेट हैं जो किसी कंपनी में ओनरशिप को दिखाते हैं। हालांकि वे अब अप्रचलित हैं, लेकिन जब भी वे किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो उनका इस्तेमाल पहले किया जाता था और इन्वेस्टर्स को जारी किया जाता था। इन्वेस्टर्स को इन सर्टिफिकेट को रिडीम करने तक सावधानी से स्टोर करना पड़ता था। हालाँकि, फिजिकल शेयर्स को अब डीमैट शेयर्स से बदल दिया गया है जिन्हें डीमैट अकाउंट में डीमैट या इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में संग्रहीत किया जा सकता है।

अस्वीकरण

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