डीमैट खाते में शेयर कैसे खरीदें और बेचें?
आप शेयर्स तभी खरीद और बेच सकते हैं जब आपके पास डीमैट अकाउंट हो। कुछ लोगों को यह नहीं पता है कि स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट की भी आवश्यकता होती है। तो आइए हम डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच के भ्रम को दूर करें, और ट्रेडिंग करने के लिए इन अकाउंट्स की आवश्यकता को समझे।
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट का मतलब डीमैटरियलाइजेशन है। कुछ साल पहले ही स्टॉक एक्सचैंजेस ने पेपर शेयर सर्टिफिकेट में ट्रेडिंग बंद कर दी थी। और वे डिजिटल मोड में चले गए। आज सभी शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में ट्रेड करते हैं। जब आप शेयर खरीदते और बेचते हैं, तो ट्रांज़ैक्शन आपके डीमैट अकाउंट में दिखाई देते हैं। आपका डीमैट अकाउंट आपके स्टॉक और अन्य सिक्योरिटीज का भंडार है। हालाँकि, स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए, आपको ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। शेयर मार्केट में भाग लेने के लिए डीमैट अकाउंट ही नहीं, आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की भी आवश्यकता है।
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ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) जैसे स्टॉक एक्सचेंज में मेंबर्स होते हैं, जिन्हें स्टॉकब्रोकर कहते है, और केवल उन्हें ही इस पर ट्रेड करने की अनुमति होती है। तो नॉन - मेंबर्स क्या करते हैं? वे शेयर कैसे खरीद और बेच सकते हैं? वो मेंबर्स ही कर सकते हैं। स्टॉकब्रोकर आपसे ब्रोकरेज एक्सचेंज पर शेयर्स में ट्रांज़ैक्शन करने की फीस लेता है।
स्टॉक ट्रेडिंग इंटरनेट पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से होती है, ट्रेडिंग अकाउंट वाला कोई भी व्यक्ति कंप्यूटर या मोबाइल फोन से ट्रेड कर सकता है। स्टॉक ब्रोकिंग फर्म स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट देते हैं। ये वो प्लेटफॉर्म है जिसके जरिए आप शेयर खरीदते और बेचते हैं। ब्रोकर डीमैट अकाउंट भी प्रदान करते हैं। कुछ बैंक अपनी सिक्योरिटीज के ट्रेडिंग के माध्यम से भी ट्रेडिंग अकाउंट ऑफर करते हैं। तो आप बैंकिंग और ट्रेडिंग एक्टिविटीज को करने के लिए 3-in-1 अकाउंट खोल सकते हैं और साथ में एक डीमैट अकाउंट भी रख सकते हैं। यह ज्यादातर इन्वेस्टर्स के लिए उपयुक्त है।
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शामिल कॉस्ट
आपको डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स के लिए अकाउंट ओपनिंग चार्जेस देने पड़ सकता है। कई डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स और ब्रोकर नए इन्वेस्टर्स को आकर्षित करने के लिए इस तरह के चार्जेस को हटा देते हैं। आपको डीमैट अकाउंट्स के लिए एनुअल मेंटेनन्स चार्जेस और ट्रांज़ैक्शन चार्जेस भी चुकाने होंगे। ट्रेडिंग अकाउंट्स के मामले में, आपको शेयर खरीदते और बेचते समय ब्रोकरेज और सिक्योरिटीज ट्रांज़ैक्शन टैक्स जैसे टैक्सेस देने पड़ते है। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलते समय आपको इन कॉस्ट्स, विशेष रूप से ट्रांज़ैक्शन कॉस्ट्स जैसे की ब्रोकरेज को ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि ये आपके रिटर्न पर असर करेगा।
डीमैट अकाउंट सिर्फ शेयर्स के लिए नहीं होते हैं। आजकल बॉन्ड्स और डिबेंचर जैसे कई डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स डीमैटरियलाइज रूप में जारी किए जाते हैं, इसलिए आपको उनमें इन्वेस्ट करने के लिए डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होगी।
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डीमैट अकाउंट से शेयर्स कैसे बेचें?
डीमैट डिजिटल अकाउंट है, इसलिए डीमैट अकाउंट से शेयर बेचने की पूरी प्रक्रिया भी डिजिटल है। सबसे पहले, आपके पास शेयर्स को बेचने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए। यह आपके अकाउंट से शेयर्स को बेचने का माध्यम है।
- उस स्टॉक को चुने जिसे आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट से बेचना चाहते हैं।
- स्टॉक के आगे 'सेल' ऑप्शन पर क्लिक करें और जितने शेयर आप बेचना चाहते हैं उन्हें दर्ज करें।
- सिलेक्टेड स्टॉक के शेयर्स आपके डीमैट अकाउंट से डेबिट कर दीए जायेंगे।
प्रत्येक शेयर का सेल्लिंग प्राइस उस स्टॉक का चालू मार्केट प्राइस होगा। ब्रोकरेज को सेल से मिलने वाले पैसों से काट लिया जाएगा, और नेट सेल्लिंग प्राइस आपके लिंक किए गए बैंक अकाउंट में जमा कर दिया जाएगा।
आपके डीमैट अकाउंट से शेयर्स बेचने/खरीदने की प्रक्रिया
डीमैट अकाउंट से शेयर खरीदने/बेचने की प्रक्रिया को पांच बेसिक स्टेप्स में प्रस्तुत किया जा सकता है:
ट्रेडिंग अकाउंट खोलें
अपने डीमैट अकाउंट से शेयर बेचने या खरीदने का पहला स्टेप ट्रेडिंग अकाउंट खोलना है। किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड करने के लिए महत्वपूर्ण है।
ट्रेडिंग अकाउंट का अध्ययन करें
ट्रेड को करने के लिए यह एकमात्र प्लेटफॉर्म है, इसलिए आपको इसे जानना चाहिए। इसके फीचर्स, फंक्शनैलिटीज और ओवरऑल इंटरफ़ेस को समझें। सभी ट्रेडिंग- एसेंशिअल्स क्लिक्स के माध्यम से ब्राउज़ करें। ऑनलाइन ट्रेडिंग मोड में, यह सब एक क्लिक तक सिमित है। तो सावधान रहें क्योंकि एक गलत क्लिक से नुकसान भी हो सकता है।
संबंधित चार्जेस को जाने
इंट्राडे और इक्विटी ट्रेडों के लिए ब्रोकरेज चार्जेस अलग-अलग होते है। इंट्राडे ट्रेडिंग मतलब एक ही दिन में शेयर्स की खरीद और बिक्री करना है जबकि इक्विटी ट्रेडिंग का अर्थ कुछ समय तक शेयर्स को होल्ड करने के बाद बेचना है। ये चार्जेस एक डीपी से दूसरे डीपी में दी जाने वाली सेवाओं के आधार पर अलग हो सकते हैं। जैसे, फुल-सर्विस ब्रोकर 360-डिग्री ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट सर्विसेस प्रदान करते हैं, इसलिए वे आपसे ब्रोकिंग सर्विसेस देने वाले डिस्काउंट ब्रोकर्स से अधिक चार्जेस लेते हैं।
ट्रांज़ैक्शन करना
उस स्टॉक को चुने जिसे आप खरीदना / बेचना चाहते हैं। खरीद/बिक्री की ट्रांज़ैक्शन डिटेल्स दर्ज करें और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर खरीद/बिक्री की ऑर्डर दें। यदि आप खरीदारी कर रहे हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके लिंक किए गए बैंक अकाउंट में ट्रांज़ैक्शन करने के लिए पर्याप्त धनराशि हो। अन्यथा, पेमेंट संबंधी समस्याओं के कारण आपका डीपी आपके डीमैट अकाउंट में शेयर्स का ट्रांसफर रोक सकता है।
सेटलमेंट
सेलिंग ट्रांज़ैक्शन में, शेयर आपके डीमैट अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं। और सेल के पैसे आपके बैंक अकाउंट में जमा हो जाते है। खरीद ट्रांज़ैक्शन में आपके बैंक अकाउंट से पैसा डेबिट हो जाता है और शेयर आपके डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं।
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